मेरी शायरी…

1. क़त्ल होता रहा है हमारा किश्तों में

बस  कातिल बदला है , और खंजर वही है !

स्वस्ति द्वारा प्रकाशित

मैं ढेर सारे सपने देखती हूं , खुली आंखो से भी !!! कभी-कभी लिखती भी हूं , ज्यादा दुखी होती हूं तब , या ज्यादा खुश होती हूं तब !!! M a stylist , a budding manager nd a big foody !!!

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